अब वे मुझपर चाहकर भी
आरोप नहीं लगा सकते
कि मैं लोगों को भड़काता हूँ
मैं देशद्रोही और अलगाववादी हूँ
मैं आम आदमी को
मजबूत डंडे में झंडा
लगाकर हाथ थमा आया हूँ
ताकि एक दिन झंडे के डंडे का
वे सही इस्तेमाल कर सकें
अपनी आत्म रक्षा में
सरकार कि मुहीम के खिलाफ
केदार नाथ "कादर"
वाकई झंडे में डंडे का मतलब यही है कि झंडा जिस पर चढ़ा हुआ है ये वो लाठी है जो जिसकी होती है वही भैंस का मालिक होता है। बाल ठाकरे, मायावती, दाउद इब्राहिम, हर्षद मेहता, सोनिया गांधी लाठी सबके हाथ में है जी....
ReplyDeletebilkul satik baat............
ReplyDeleteAapke samarthan ke liye bahut bahut aabhar aapka.
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