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Monday, 9 August 2010

चन्द्र शेखर"आजाद" का जन्म दिन मना रहा हूँ

मेरा बेटा खुश हुआ केक की बात सुनकर
पापा, आज किसका जन्मदिन है ?
आज आप केक क्यूँ मँगा रहे हैं?
मैं क्या जबाब दूं उस नादान को
हम याद रखते हैं कितनी ही तारीखें
मरने की, पैदा होने की, शादी की,
लेकिन हमेशा भूल जाते हैं हम
अपने ही शहीदों के जन्म दिन
जिनकी कुबानी से मिली खुली साँस
लेने की आज़ादी, आज़ाद भारत में
किसी अख़बार में भी कोई चार लाइन
होंगी भी तो आखरी से पहले पन्ने पर
सालभर कबूतर चिड़िया बैठते हैं
उन शहीदों की मूर्तियों को सम्मानित करते
फुटपाथ तक रंगे जाते हैं साल में छ बार
मगर कोई सुध नहीं लेता इन शहीदों की
खड़े रहते हैं अकेले और उपेक्षित पार्कों में
याद रखो मेरे भारत देश के लोगो
जो कौम अपना इतिहास भुला देती है
इतिहास में उसका नाम नहीं रहता
मैं मेरे बेटे को इतिहास पढ़ा रहा हूँ
चन्द्र शेखर"आजाद" का जन्म दिन मना रहा हूँ

केदारनाथ"कादर"
kedarrcftkj.blogspot .com

1 comment:

  1. वाह जी वाह.... ऐसी ही शिक्षा हमें देनी चाहिए अपनी अगली पीढ़ी को... तब ही यह पीढ़ी नहीं टूटेगी यह सीढ़ी नहीं टूटेगी

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