जिंदगी में कुछ मिले न मिले, प्यार तो मिले
कहने का तुम्हें अपना , अधिकार तो मिले
लड़ना हमें भी आता है, मौत से दोस्तों
मरने को मददगार कोई ख्वाव तो मिले
है रूठने का मजा तब ही तो प्रेम में
जब रूठने पे उसकी मनुहार तो मिले
किसको सफाई दें भला करेगा यकीन कौन
आँखें ही नहीं दिल भी गुनाहगार तो मिले
हम तो जमा लें धूनी आँगन में उसी के
दर्शन का मगर उसके कोई द्वार तो मिले
काँटों में काट लेंगे ये तमाम उम्र हम
"कादर" दो पल सही, मगर प्यार तो मिले
केदारनाथ"कादर"
kedarrcftkj.blogspot .com
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