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Monday 9 August 2010

जीन

हे ईश्वर, बड़े गर्व से कहते हैं वे-
हमने तुम्हारे जैसी ताकत हासिल कर ली है
अब तुम्हारी तरह ही जन सकते हैं
जीव नये इस दुनियां में "क्लोन" बनाकर
अब उन्हें भी पूजा जाना चाहिए
मंदिरों , मस्जिदों में तुम्हारी जगह

लेकिन वे खुशहाली का , सच्चाई का
न्याय का , भरोसे का ढूंढ़ रहे हैं
अभी तक "जीन" इन्सान की कोशिका में
जो उन्हें नहीं मिला अपने अन्दर

केदारनाथ"कादर"
kedarrcftkj.blogspot .com

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