तुम्हारी नौटंकी से
ऊब चुके हैं लोग
और अब पैने हो गए हैं
उनके नाखून
अपना ही सिर
खुद खुजाते -खुजाते
तुम्हारे वादे सुंदर हैं
ये तुम जानते हो
वैसे ही जैसे
पारिजात का पुष्प
हाँ , तुम्हारी बातें
दिमाग वालों को
चाहे पसंद आती हों
मगर याद रखो
जिन्होंने बहाया है
तुम्हारे लिए खून अपना
कर सकते हैं तिलक अपना भी,
तुम्हारे रक्त से
स्वयं के अस्तित्व की
जंग पे जाने से पहले
ऊब चुके हैं लोग
और अब पैने हो गए हैं
उनके नाखून
अपना ही सिर
खुद खुजाते -खुजाते
तुम्हारे वादे सुंदर हैं
ये तुम जानते हो
वैसे ही जैसे
पारिजात का पुष्प
हाँ , तुम्हारी बातें
दिमाग वालों को
चाहे पसंद आती हों
मगर याद रखो
जिन्होंने बहाया है
तुम्हारे लिए खून अपना
कर सकते हैं तिलक अपना भी,
तुम्हारे रक्त से
स्वयं के अस्तित्व की
जंग पे जाने से पहले
बढ़िया...
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