औरों के लिए
मैंने हर लफ्ज़ लिखा जिसके लिए
वो मचलता रहा ताउम्र औरों के लिए
मैं समझता रहा छाई घटा मेरे लिए
खिला वो गुल था सिर्फ भौरों के लिए
मेरा बज़ूद ख़ाक हुआ जिसके लिए
वो रहा पढता कसीदे गैरों के लिए
मेरे मरने के बाद मेरी कब्र पे लिखना
"कादर" जिया ये जिंदगी औरों के लिए
kedar nath “kadar”
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