जिन्दा रहना है तो फिर हालात बदलना होगा
जनमानस को अपने ख्यालात बदलना होगा
हमको ये होता तांडव मृत्यु का छलना होगा
मरने से पहले न मरेंगे निश्चय करना होगा
निशा अँधेरी चहुँ ओर है तम को हरना होगा
मन और तन दोनों को बस में करना होगा
पाना ही होगा स्वाभिमान हमको लड़ना होगा
अब सत्ता वालों को जनता से डरना होगा
अपना हक खुशहाल जीवन उसको पाना होगा
जनमानस को अपना अंदाज़ बदलना होगा
स्वरों को फौलाद बनाकर शोर मचाना होगा
वंचितजन को सत्य दिखा सोच बदलना होगा
नए सवेरे की खातिर संघर्ष भी करना होगा
जिन्दा रहना है तो फिर हालात बदलना होगा
Kedarnath “kadar"
BAHUT HI JABARDAST LIKHA HAI APNE...
ReplyDeleteJAI HIND JAI BHARAT.