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Saturday, 25 June 2011




बुरी तरह आदमी से हारे हैं


आज कल हम कितनी बहस करते हैं, कितने लड़ते झगड़ते हैं व्यर्थ की बातों में और एक दूसरे को दुखी भी करते हैं. रास्ते से जाते समय मैंने देखा कि बहुत से आवारा कुत्ते शादी समारोह से बची झूठन खा रहे हैं. न कोई शोर न गुर्राहट, न कोई झगडा . तब इंसान को सामने रखकर ये पंक्तियाँ उभर आईं जो आप से साँझा कर रहा हूँ जी :-

एक जगह बहुत से कुत्ते
असीम शांति के साथ
खा रहे थे झूठन मिलकर 
बिना किसी नोंक झोंक
बिना गुर्राए , बिना भौंके

आश्चर्यजनक था ये दृश्य
इसलिए जिज्ञासावश मैंने पूछा-


स्वान देव आप लोग आपस में
लड़ते झगड़ते क्यों नहीं हैं?
तब उनका नेता बोला :-
अब हम आपस में नहीं लड़ते
हम शर्म के मारे हैं
इस लड़ने झगड़ने की कला में
बुरी तरह आदमी से हारे हैं





Kedar nath “kadar”


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