धर्म धर्म तू क्या चिल्लाये
पग पग खुदको ठगता जाये
पत्थर के तेरे मंदिर मस्जिद
पत्थर के भगवान बनाये
धर्म न जाना सच्चा तूने
आग लगाये, खून बहाए
राम रहीम मिलकर रोते है
ईमान, आहें ,आंसू बहाए
देखो इंसा की नादानी
गीता और कुरान जलाये
धर्म एक है बस इतना ही
इंसा- इंसा को गले लगाये
केदारनाथ"कादर"
धर्म एक है बस इतना ही
ReplyDeleteइंसा- इंसा को गले लगाये
सब आदमीयों को यह बात समझ आ जाए तो क्या कहने साहब ...
लिखते रहिये ...
Majaal sahab,
ReplyDeleteBahut bahut shukriya aapka, koshish jari hai aur dua bhi karte hain ki sab jald samajh jyein is baat ko.