बाबा निराश नहीं है अभी
क्या हुआ आश्रम टूटा
छते गिर गयी हैं न
सामान टूट गया है, बस
पर फिर भी बहुत है अभी
मेरे प्रति बची श्रद्धा उनकी
चलो करते हैं फिर शुरू
कल से अपना व्यापार
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