किस से बचना चाहते हो
क्या तुम्हारी हस्ती है ?
मौत का साथ पक्का
जिंदगी तो छलती है
चल चलाचल दूर तक
इस से न मंजिल मिलती है
ख़तम होगा न ये सफ़र
मौत बस रास्ता बदलती है
केदारनाथ"कादर"
किस से बचना चाहते हो
क्या तुम्हारी हस्ती है ?
मौत का साथ पक्का
जिंदगी तो छलती है
चल चलाचल दूर तक
इस से न मंजिल मिलती है
ख़तम होगा न ये सफ़र
मौत बस रास्ता बदलती है
केदारनाथ"कादर"
बड़ा इंसान बनता है बता ए खाक के पुतले ?
किया क्या खाक तूने, बस जीवन गंवाया है ?
कभी रोया है क्या उसकी इबादत में तू कह ?
शरीके -दर्द- दिल हो क्या किसी का दिल बंटाया है ?
कभी दिल तेरा भर आया है मुफलिस की गरीबी पर ?
कभी हिस्से का खाना बांटकर क्या तूने खाया है ?
मरने को आमादा है हरदम मेरे नाम पर तू क्यों ?
मुसीबत में क्या किसी आफतजदा के काम आया है ?
मेरी राह में छोड़ा है तूने, क्या बता तू कह ?
किसी बेकस की खातिर जान पर सदमा उठाया है ?
मुझे पाना बहुत आसान है सब में देख तू मुझको
इबादत का सलीका आदम तुझे फिर ये बताया है ?
भूख बिकती है, खरीदी जाती है
गुर मिला है जनम से इन्सान को
बहुत पैने हो गए हैं नाखून अब
काटने को तैयार हैं ईमान को
खून, ईमान, इज्ज़त, सब बिकता है
भूख लाती है ऐसे मोड़ पे इन्सान को
भूख सिखलाती है जीने का हुनर
भूख भगवान बनाती है इन्सान को
केदारनाथ"कादर"
धर्म धर्म तू क्या चिल्लाये
पग पग खुदको ठगता जाये
पत्थर के तेरे मंदिर मस्जिद
पत्थर के भगवान बनाये
धर्म न जाना सच्चा तूने
आग लगाये, खून बहाए
राम रहीम मिलकर रोते है
ईमान, आहें ,आंसू बहाए
देखो इंसा की नादानी
गीता और कुरान जलाये
धर्म एक है बस इतना ही
इंसा- इंसा को गले लगाये
केदारनाथ"कादर"
बाबा निराश नहीं है अभी
क्या हुआ आश्रम टूटा
छते गिर गयी हैं न
सामान टूट गया है, बस
पर फिर भी बहुत है अभी
मेरे प्रति बची श्रद्धा उनकी
चलो करते हैं फिर शुरू
कल से अपना व्यापार
तेरी प्यास न ऐसे बुझेगी, तेरी प्यास अमोल
क्या ढूढें तट ,ताल ,तलैय्या ,सूखे अधर अबोल
तुझमें हैं रत्नाकर सारे
तुझमें सोलह सूर्य पधारे
मर्म समझ ले अरे! बाबरे!
मन अंतर्पट तू खोल
तेरी प्यास न ऐसे बुझेगी, तेरी प्यास अमोल
तू सुलगे गीली लकड़ी सा
है धुआँ- धुआँ चहुँ ओर
लाल दीखे न अपना तुझको
बटोही, मन की गठरी खोल
तेरी प्यास न ऐसे बुझेगी, तेरी प्यास अमोल
जल में मीन किलोल करें
जन्में प्यासी मर जायें
प्यास रखो सागर के जैसी
क्या तेरे आँसूं का मोल
तेरी प्यास न ऐसे बुझेगी, तेरी प्यास अमोल