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Friday, 19 August 2011


बाकी है अभी

कहाँ थमा आतंक सत्ता का अभी
क्यूँ कहें आज़ाद हम भी हैं अभी

रक्त पिपासा शांत कहाँ हुई अभी
स्वर्ग की आकांक्षा अधूरी है अभी

मुक्त हुआ नहीं मानव मन अभी
पथ ही पथ है मंजिल कहाँ अभी

हुए कहाँ शिक्षित मनुजों हम अभी
स्वातंत्रय बोध शिक्षा बाकी है अभी

गीत स्वतन्त्र हो गाना बाकी अभी
स्वराज सच्चा आना बाकी है अभी

केदारनाथ "कादर"

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