चर्चा बेमानी हो गयी
बात अब सच्चाई की किस्सा कहानी हो गयी
उम्र जिनकी रोज़ खून में नहाते हो गयी
दौर-ए-अज़ब में जनता उनकी दीवानी हो गयी
सुनते हैं तारीख चुनावों कि तय हो गयी
अब चुने हम किसको, कसाई हैं सब जगह
दिल की नगरी सबकी कब्र जैसे हो गयी
कृष्ण भी नाराज़ हैं और राम भी हैं खफा
सीता और राधा शाहरुख़ की दीवानी हो गयीं
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