दोस्तों क्या क्या बताएं क्या तमाशा देखिये
शब्दों के फौजी ये नेता, नित तमाशा देखिये
रोज़ उठते हैं दुआओं के लिए ये हाथ दो
काम हासिल है नहीं, इनकी हताशा देखिये
जल रहा है देश और सकें ये अपनी रोटियाँ
है कहीं फ़ाके और कहीं रंगीन शामें देखिये
कौन करता है फिकर, देश की और कौम की
"कादर" चर्चा यही हर जगह सुबह शाम देखिये
केदारनाथ"कादर"
kedarrcftkj.blogspot .com
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