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Friday 18 September 2015

गोमांस पर प्रतिबन्ध

गोमांस पर प्रतिबन्ध पर बहुत चिंतन मनन हुआ है फेसबुक पर . विरोध की भाषा तो बहुत देख ली अब कुछ सार्थक भी हो जाय .


१. क्या सरकार गोमांस निर्यात पर प्रतिबन्ध नहीं लगा सकती ?


२, देश में बहुत सी जगह अभी भी बेकार पड़ी है . क्यों न वह जमींन युवा बेरोजगारों को सस्ते दाम पर और पट्टे पर दी जाय गोशाला बनाने के लिए . इस से बेरोजगारी पर लगाम लगेगी और लोगों को दूध उत्पाद मिलेंगे .


३. गाय को अनुपयोगी क्यों मान लिया गया है ? देशी गाय का नस्ल संवर्धन किया जाय .


४. गोशालाओं को माडल के रूप में प्रस्तुत किया जाय , दूध , गोबर गैस, बिजली उत्पादन, खाद उत्पादन, जैविक कृषि इन सबकी एक चेन बनाकर .


५ गो उत्पादों से बनने वाली औषधियों का निर्माण और चिकित्सा का पुनः विकास और आरोग्य शालाएं खोली जाय .


मेरा मत है कि अगर किसान को गाय बेचने पर मजबूर न किया जाय तो इस देश में अल्प काल में एक और श्वेत क्रांति आ सकती है . जब गाय उपयोगी लगने लगेगी तो इसका संवर्धन और सुरक्षा स्वतः निर्धारित हो जायेगी . मात्र पूजनीय कहने के बजाय इसको उपयोगी बनाने की जरुरत है . गाय पर दया की नहीं दिशा की जरुरत है .


आपके सुझाव आमंत्रित हैं .

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