धन्यवाद ममता दीदी
कितने ही सालों से एक सच्चे भारतीय और भारत माता के सपूत सुभाष चन्द्र बोस पर सरकारी डर के जाले को आपने साफ़ किया . न सिर्फ आपने अपना चुनावी वादा पूरा किया बल्कि इतिहास को पुनः लिखने की शुरुआत का रास्ता साफ़ किया है . चौसठ फाइलों को सार्वजनिक कर साहस का काम किया है . यह देश की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला कार्य है .
अपने नायक के साथ हुए अन्याय और गुमनामी में मरने के लिए मजबूर करने वाले लोगों और परिस्थितियों को जानना इस देश के नागरिक का हक है . सत्ता किसी भी दल की रही हो किन्तु देश की जनता से तो सच को छिपाया ही गया है . राजनीति का वीभत्स रूप भी नंगा हो गया है . इस देश के नेता कैसे जनता और उसके जन नायकों के साथ खेल खेलते रहे हैं सब उजागर हो रहा है .
राष्ट्रवादी कहलाने वाली केंद्र सरकार की अब परीक्षा की घड़ी है बाकी एक सौ पचास फाइलों को सार्वजनिक करने की . संबंधों के खराब होने की दुहाई देकर सात दशक बिता दिये गये हैं आखिर जनता की भावनाओं को कब सुकून मिलेगा ? सुभाष बोस के नारे और जुमले सुनाकर खूब वोट बटोर लिए अब समय है हिम्मत दिखाने और यह साबित करने का कि हम वाकई विश्व शक्ति बनने के लिए कोई कदम बढ़ा रहे हैं . एक एक कठिन काम करने से ही कठिनायों पर विजय की आदत पड़ती है .
अब देश कोई जुमला नहीं सुनना चाहता अपने नेता के बारे में जानना चाहता है ताकि जनता के मुजरिमों की समाधियां तोड़ी जा सके जहां लोग जाकर उनकी मक्कारी को नमन करते हैं .अगर वाकई लोकतंत्र है और जनता की जरा सी भी क़द्र है तो यह काम जल्द से जल्द होना चाहिए .ताकि जनता अन्य विकल्प न अपनाए अपने सब्र का बाँध तोड़कर .
आज ममता दीदी ने जो काम किया है उसके लिए हर सुभाष बोस को चाहने वाला उनको धन्यवाद कहता है . जय हिंद .
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