सने हाथ अपने खूं से नजर आयेंगे
मेहरवा गिरेबां जो अपना देख लोगे
वजूद अपना हर हाल में खो चुकोगे
मेहरवा गुनाह जो खुद का देख लोगे
कितने चरागों को बे वजह बुझाया
खुद जल उठोगे मेहरवा अगर जान लोगे
यक़ीनन यक़ीनन ही तुम मर चुके हो
क्या सारे जहाँ की क्या तुम जान लोगे
"कादर" अपनी सूरत से भी डरने लगोगे
मेहरवा अगर आईने में उसे देख लोगे
केदारनाथ"कादर"
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