केदार नाथ शब्द मसीहा
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Thursday 28 July 2011
बुद्ध
मैं लड़ता हूँ एक युद्ध
जो है मेरे ही विरुद्ध
मैंने ही किये हैं अनचाहे
द्वार विचार सब रुद्ध
मन है बड़ा मचलता
मुझसे है बहुत क्रुद्ध
संयम की राह से ही
हम होंगे "कादर" बुद्ध
kedarnath"kadar"
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