एक भूखे की ताड़ में
ताक लगाये बैठे हैं
एक घर के सामने
सूखे पेड़ पर कई
तेज़ नज़र गिद्ध
पैनी चोंच कौआ
मटमैली सी चीलें
आँगन में कुत्ता
सब इंतज़ार में हैं
भूखे की मौत की
ताकि भूख मिटे
इनकी भी कुछ
शांत हो तांडव
सिकुड़ी आंतड़ियों का
कुत्ते ने पानी फैलाया
गिद्ध ने गर्दन दबाई
कौए ने आँख फोड़ी
चींटियों ने सभा बुलाई
चील जोर से चिल्लाई
आज हम नहीं मरेंगे
चिपका मांस खाया
चील और गिद्ध ने
कुत्ते ने चाबी हड्डियाँ
संस्कार के नाम पर
सामाजिक कार्यकर्ता
शाम भर पेट खायेंगे
अगले चुनावों में
स्थानीय नेता हमारे
आम आदमी हेतु
अपने संकल्प दोहराएंगे
आदमी की दुनियाँ में
जंगल राज चलाएंगे
केदारनाथ"कादर"
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