मेरे नन्हे मसीहा प्यारे
मैं तुझ पे वारी जाती हूँ
तेरा एहसान है मुझपर
तू बन के हाथ आया है
मेरा जो फ़र्ज़ था माँ का
नन्हे वो तूने निभाया है
निवाला मैं खिलाती तुझे
वो मुझे तूने खिलाया है
तेरा एहसान है माँ पर
ये तेरा रिश्ता निराला है
मेरे भी भाग्य अच्छे थे
फ़रिश्ता मैंने पाया है
केदारनाथ"कादर"
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