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Wednesday, 11 May 2011

कलियुग के भगवान







बड़े जोर-जोर से हूज़ूम में


वे सब चिल्लाकर नारे लगाते हैं -


"बच्चों से श्रम, शर्म की बात है"


पर इनके घर में धर्म की बात है


ये बाड़ी मसाज के नाम पर


अबोध कन्या को माँ बनाते हैं


सर्जक हैं नए समाज के ये


इसलिए जेल से भी जीत जाते हैं


देश,सत्ता,समाज पे है भरोसा इन्हें


इसलिए स्विस बैंक में इनके खाते हैं


अज़ब भिखारी हैं करोड़ों की औकात है


ये ही इस कलियुग के भगवान हैं

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