सूनी पड़ी हैं सड़कें बंदूकें गरजती हैं
जीने का क्या तरीका है, ये कोई हमें बताये
हर घर के बंद दर , आँगन हैं सूने-सूने
सियासत घरों में किसने बोई ये कोई हमें बताये
कम लिखे और पढ़े थे मल्लों ही नहीं था
झगड़े रहीम-राम के उपजे कैसे,ये कोई हमें बताये
हिफाजत का शौक है , ख़ुशी से करो पूरा
फ़र्ज़ की भी है कौम क्या , ये कोई हमें बताये
हिन्दू मरे, मुसलमान मरे, मरे थे जो लड़े
बेकार में इंसान मरे क्यूँ, ये कोई हमें बताये
केदार नाथ "कादर"
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