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Monday 28 February 2011

हमारी गरीबी का कारण



देखिये साहब , 80 लाख करोड़ रुपये का सवालहै ...भारतीय गरीब है लेकिन भारतदेश कभी गरीब नहीं रहा. ये कहना है स्विस बैंक के डाइरेक्टर का . स्विस बैंक के डाइरेक्टर ने यह भी कहा है कि भारत का लगभग 280 लाख करोड़ रुपये (280 ,00 ,000 ,000 ,000) उनके स्विस बैंक में जमा है . ये रकम इतनी है कि भारत का आने वाले 30 सालों का बजट बिना टैक्स केबनाया जा सकता है.या यूँ कहें कि 60 करोड़ रोजगार के अवसर दिएजा सकते है. या यूँ भी कह सकते है कि भारत के किसी भी गाँव से दिल्ली तक 4 लेन रोड बनाया जा सकता है. ऐसा भी कह सकते है कि 500 से ज्यादा सामाजिक प्रोजेक्ट पूर्ण किये जा सकतेहै . ये रकम इतनी ज्यादा है कि अगर हर भारतीय को 2000 रुपये हर महीने भी दिए जाये तो 60 साल तक ख़त्म ना हो. यानी भारत को किसी वर्ल्ड बैंक से लोन लेने कि कोई जरुरत नहीं है .जरा सोचिये ... हमारे भ्रष्ट राजनेताओं और नोकरशाहों ने कैसे देश को लूटा है और ये लूट का सिलसिला अभी तक 2011 तक जारी है. इस सिलसिले को अब रोकना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है. अंग्रेजो ने हमारे भारत पर करीब 200 सालो तक राज करके करीब 1 लाख करोड़ रुपये लूटा. मगर आजादी के केवल 64 सालों में हमारे भ्रस्टाचार ने 280 लाखकरोड़ लूटा है. एक तरफ 200 सालमें 1 लाख करोड़ है और दूसरी तरफ केवल 64सालों में 280 लाख करोड़. यानि हर साल लगभग 4.37 लाख करोड़, या हर महीने करीब 36 हजार करोड़ भारतीय मुद्रा स्विस बैंक में इन भ्रष्ट लोगों द्वारा जमा करवाई गई है .भारत को किसी वर्ल्ड बैंक के लोनकी कोई दरकार नहीं है .सोचो कीकितना पैसा हमारे भ्रष्ट राजनेताओं और उच्च अधिकारियों ने ब्लाक करके रखा हुआहै . हमे भ्रष्ट राजनेताओं और भ्रष्टअधिकारीयों के खिलाफ जाने का पूर्ण अधिकारहै .हाल ही में हुए घोटालों का आप सभी को पता ही है - CWG घोटाला,२ जी स्पैक्ट्रम घोटाला , आदर्श होउसिंग घोटाला ... और ना जाने कौन कौन से घोटाले अभी उजागर होने वाले है ........आप लोग जोक्स फॉरवर्ड करते ही हो. इसे भी इतना फॉरवर्ड करो की पूरा भारत इसे पढ़े ... और एक आन्दोलन बन जाये.






भ्रष्टाचार पर एन विट्ठल , किरण बेदी, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की राय






एन. विट्ठल( पूर्व केंद्रीयसतर्कता आयुक्त) :


भ्रष्टाचार समाज में कैंसर की तरह है और इससे देश को व्यापक नुकसान हो रहा है।


भ्रष्टाचार के खिलाफ आम नागरिकों में रोष भी है। सभी इसके बारे में चर्चा


करते हैं , लेकिन कोई कुछ करने की स्थिति में नहीं है।






किरणबेदी (पूर्व आईपीएस अधिकारी):


भारतमें सफेदपोश अपराधी ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। जितना बड़ा अपराध और अपराधी होता है उसके बचने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा होती है।


ए.पी.जे.अब्दुल कलाम (पूर्व राष्ट्रपति):


भ्रष्टाचार कैंसर की तरह देश को निगल रहा है और अब इसकी तत्काल कैमोथेरेपी किए जाने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाना आज सबसे बड़ी चुनौती है और इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा।










अन्ना हजारे जी , इस व्याप्त भरष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं और अनसन पर बैठ रहे हैं . आइये हम भी उनका साथ दें.






जय हिंद !!!!!!








Wednesday 16 February 2011

शब्दकोश

मेरा बेटा एक नया शब्दकोश चाहता था
मैंने सोचा चलो अपना ही दे देता हूँ
वाही पुराना शब्दकोश जिसमें पाए थे
अर्थ अनेकों मैंने अपने प्रश्नों के
लगा सौपने जब मैं अपना शब्दकोश
उसने कहा पिताजी, व्यर्थ है अब यह
मैंने समझाया उसे दुलारकर, बेटा!
ऐसा नहीं है, ऐसा नहीं कहते
उसने कहा अच्छा आप बताओ ?
आलू किसे कहते हैं? चिड़िया क्या है?
मैं उसे बताता, पर वह हँसा जोर से
बाबा, आलू बम्ब है, चिड़िया ए.के.सैंतालिस
मैं बहुत घबराया और परेशान हूँ
मेरे उत्तराधिकारी को क्या हुआ है ?
वह पूछता है, कहो इसमें कहीं है ?
स्पेक्ट्रुम घोटाला, काँमन-वेल्थ घोटाला
मंडल का आरक्षण या अवैध खनन
भोपाल गैस कांड और राडिया की बात
चारा घोटाला और अयोध्या विवाद
सांसद खरीद और बोफोर्स तोप दलाली
अब अहसास हो गया है मुझे पूरा
वाकई पुराना है मेरा ये शब्द कोश
और मुश्किल है बदलती दुनिया में
खोजना मेरे लिए एक नया शब्दकोश

ये कोई हमें बताये

सूनी पड़ी हैं सड़कें बंदूकें गरजती हैं
जीने का क्या तरीका है, ये कोई हमें बताये

हर घर के बंद दर , आँगन हैं सूने-सूने
सियासत घरों में किसने बोई ये कोई हमें बताये

कम लिखे और पढ़े थे मल्लों ही नहीं था
झगड़े रहीम-राम के उपजे कैसे,ये कोई हमें बताये

हिफाजत का शौक है , ख़ुशी से करो पूरा
फ़र्ज़ की भी है कौम क्या , ये कोई हमें बताये

हिन्दू मरे, मुसलमान मरे, मरे थे जो लड़े
बेकार में इंसान मरे क्यूँ, ये कोई हमें बताये


केदार नाथ "कादर"

Saturday 5 February 2011

man ki baat

" विद्वान बुद्धिजीवी बहुत हैं देश के लिए मगर अब क्रांतिवीरों की जरुरत है "

बहुत से लेख रोज़ ही पढता हूँ.घडियाली आंसुओं से भरे. डिक्सनरी से मतलब खोजना पड़े ऐसे भारी शब्दों से सजे हुए. अनेक बड़े मंचों से भाषण भी सुने हैं.लेकिन अब मुझे लगता है की हम सब बे आवाज़ हो चुके है. हमें हमारी वास्तविक दशा का पता ही नहीं है. आइये एक चुटकुला साँझा करता हूँ पर याद रखिये अगर आपके पास दिल है तो आप हँस नहीं पाएंगे ...खैर फिर भी सुनाता हूँ .

एक पत्नी ने अपने पति से कहा - जानते हैं जी हमारे भारत देश के जाने माने उद्योगपति श्रीमान मुकेश अम्बानी ने अपनी पत्नी को ४०० करोड़ की एक बड़ी नाव गिफ्ट की है.
पति- हाँ जनता हूँ, पर मुझसे ये उम्मीद मत रखो , मैं तो एक आम आदमी हूँ और मेरी कमाई तो २० रुपये रोज़ है. हाँ इतना जरुर जानता हूँ कि अगर मैं तुम्हें ये खरीदकर देना चाहूं भी तो करीब ५४७९४५ दिन भूखे रहकर बिताने होंगे .

हा ..हा..हा.. कहा था न नहीं हँस पाओगे.

देश का अधिकांस पैसा चंदलोगों के हाथों में है. सब जानते हैं. उन्हें और अमीर बनाने के लिए हम अपना पैसा उन्हें देते हैं देश कि सरकार उन्हें और अमीर बनाने में मदद करती है. अब तो नयी बात भी सामने आई हैं कि ये तो सरकार को बनाने में भी मदद करते हैं. कौन सा आदमी कौनसे विभाग का मंत्री बनेगा ये बड़े लोग ही तो तय करते हैं. तो देश किसका इन खून चूसने वालों का न . हम तुम तो कीड़े कीदेश के लोगों को तरह पैदा होते हैं कस्बों, गावों में बजबजाते फिरते हैं और मर जाते हैं.

हाँ तुम्हें एक गर्व कि बात और बताता हूँ हमारा देश बहुत उन्नति कर रहा है एशिया में दुसरे नंबर का भ्रष्ट देश है और जल्द ही हमारी सरकार, नेता और उद्योगपति अपनी मेहनत से इसे पहले नंबर पर पहुंचा देंगे.

अरे ! एक बात और सुनो, सरकार kaladhan इकठ्ठा करके विदेशों में रखने वालों के नाम बताना चाहती है, बहुत ईमानदार कोशिश पिछले कई सालों से जारी है. अब पता चला है की एक बड़ी रकम गायब हो चुकी है.

अरी बाबड़ी छोड़ ये बातें वो सूखी रोटी ले आ जो भिगो कर रखी थी दोपहर को ...खा लूं ...मुझे साहुकार के यहाँ चौकीदारी के लिए भी तो जाना है.