केदार नाथ शब्द मसीहा
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Sunday, 30 November 2014
जीवन
जीवन जीने की मंशा में कितने मरते हैं लोग यहाँ
मरने की कला न सीख सके अफ़सोस है हमको "मसीहा "
शब्द मसीहा
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