हे!प्रभु करो करम मिले शांति परम
मेरे जीवन धारण का यही बनें धर्म
मानव का धर्म धरा पर केवल है प्रेम
रखो, सूर्य, हवा, जल सम तुम मन
केदारनाथ "कादर"
मेरे जीवन धारण का यही बनें धर्म
कण कण में तेरा सब पाएं दर्शन
समझे सब देह धरण का पवित्र धर्म
सब नेह रखें संसार में एक दूजे से
करें सब जग में पालन भ्रात्री धर्ममानव का धर्म धरा पर केवल है प्रेम
सब मन से निभाएं ये प्रेम धर्म
यहाँ कोई गैर नहीं सब अपने हैं
मानव हेतु यही सबसे ये बड़ा धर्म रखो, सूर्य, हवा, जल सम तुम मन
रहे मन में न बैर यही युग का धर्म
सभी थाम चलें डोर बढे प्रेम धर्म
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