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Wednesday 21 March 2012

संसद में गरीबी रेखा और गरीबों का बहुत ही भद्दा मजाक उड़ाया जा रहा है .

हैरानी होती है जब आंकड़ों के गणित से ओर सरकार की इच्छा के अनुसार
आंकड़ों में हेरा फेरी करके रातों-रात पांच करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर
आ जाते हैं . इतने तीव्र विकास पर हैरान है आम आदमी .
आम आदमी की जुबान में एक रचना आप सब को समर्पित करता हूँ जी :-

संसद में आम आदमी के नुमाईंदे
बड़े गर्व से करते हैं ये घोषणा कि
भारत में अब विकास हो गया है
गरीब आदमी अब अमीर हो गया है
सरकारी नीति के कारण पाँच करोड़
लोग अब छाती फुलाकर कह सकेंगे
गर्व से कि वे अब गरीब नहीं हैं
एकाएक विकास सुनामी से देश में
उद्योग बढ़ गए हैं आम आदमी के लिए
लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि बे-कफ़न
लाशों को लोग छोड़कर जा रहे हैं
अंतिम रस्म का खर्च इतना है कि
परिवार के पाँच लोग एक दफ़न के लिए
सरकार महीने भर से घास खा रहे हैं


केदारनाथ "कादर"