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Tuesday 20 July 2010

इंडो-पाक वार्ता- आम इन्सान की सोच

बड़ा अच्छा किया घर बुलाकर
मारे जो शब्दों के जूते तुम्हे
जागो सालो अब तो जागो
टोपी धारी किन्नरों इस देश के
पंचशील के सिद्धांत को धत्ता है
आज की दुनिया में ताकत बिना
कुर्सी उसी को मिलती है यहाँ
जो रखता है ताकत बैठने की
तुम कश्मीर उन्हें सौपने का
मसौदा बनाकर क्यूँ नहीं ले गए
कश्मीर उनकी बुआ का घर है
जाने तुम कब फूफा बनोगे
खूब खाओ पत्थर मजनुओं
अपने ही देश में रंडीखोरों के
पहने रहो प्रजातंत्र का चोला
चाहे दिखे नंगा भारत का तन
न्योता दो उन्हें, आओ हमारे देश
हम तुम्हें कारगिल देंगे मुंह दिखाई
सालो हिम्मत से कहो उनसे
हमें दहेज़ में पाकिस्तान चाहिए
हम तैयार हैं सेहरा बाँधकर
खून से भरने कराची की मांग
अपना प्यारा तिरंगा लहराकर
"कादर" तुम कभी ऐलान तो करो

केदारनाथ"कादर"
kedarrcftkj.blogspot .com

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